लेखनी प्रतियोगिता -21-May-2023 बस का सफर
बस के किस किस सफर के बारे में बताऐं
सहे गए अनगिनत कहर के बारे में बताऐं
जब अंदर पैर रखने को जगह नहीं होती
तो छत पर बैठ किए गए सफर के बारे में बताऐं
वो भी एक समय था जब लोग
खिड़की से सामान सीट पर डाल देते थे
सामान नहीं होता तो जेब से रूमाल निकाल
सीट पर रखकर उस पर अधिकार जमा लेते थे
भीड़ भड़क्के में बस में चढना किसी
एवरेस्ट पर चढने से कम नहीं लगता था
ऐसे में जेबकतरों द्वारा पर्स पार कर लेना
कुंभीपाक नर्क से कम नहीं लगता था
जेबकतरों के सितम से भी उबर जाते थे
मगर किसी की कातिल निगाहों में उलझ जाते थे
न जाने कितनों ने एक दिल हजार बार लूटा
इस चक्कर में सामान भी कई बार बस में ही छूटा
बगल वाली अधेड़ औरत के जरा सा टच होते ही
वह खा जाने वाली निगाहों से देखती थी
और यदि दो देवियों के बीच में फंस गये तो
"बजरंग बली" का जाप करते हुए ही कटती थी
कभी बस खराब हो गई तो
बीच सड़क पर उतार दिया जाता था
फिर दूसरी ठसाठस भरी बस में
भेड़ बकरियों की तरह चढा दिया जाता था
कुछ लोग टिकिट लेने में महाभारत करने लगते
बच्चों के टिकिट पर अक्सर लोग झगड़ते
सामान का आधा टिकिट बोझ लगने लगता
कभी स्टूडेंट वाली रियायत के लिए अड़ते
इस तरह बहुत सी खट्टी मीठी यादें है
हर सफर की अनगिनत सी बातें हैं
अब तो "कार" ने बस यात्रा छुड़ा दी है
पर स्मरण में बसी हुई अनेक यादें हैं
श्री हरि
21.5.23
Punam verma
22-May-2023 09:10 AM
Very nice
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Abhinav ji
22-May-2023 08:34 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-May-2023 07:26 AM
बेहतरीन
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